ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सम्बंधित कार्य हमेशा से चुनौतिपूर्ण रहा है जिसके कारण डॉक्टर्स ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य नहीं करना चाहते है। अभी भी समुदाय आधारित स्वास्थ्य सेवा मुख्यतः ASHA और ANM के सहारे चल रहा है। ऐसे में निःशुल्क ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को अपने कार्यक्षेत्र के रूप में चयन करना निःश्चय ही मेरे लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।
लगभग 50 से ज्यादा निःशुल्क ग्रामीण स्वास्थ्य शिविरों में काम करने के दौरान मैंने ये देखा अभी भी लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं है। लोग डॉक्टर्स के पास तभी जाते है जब बीमारी से गंभीर रूप से ग्रसित हो जाते है। मैंने स्वास्थ्य जाँच के दौरान ये पाया कि कई लोग हाइपरटेंशन , डायबिटीज एवं एनमिया इत्यादि से ग्रसित है। इन बीमारियों का आरंभिक अवस्था में लक्षण नहीं दिखने के कारण उन्हें पता भी नहीं होता है कि वो बीमार है। यदि इन बीमारियों का screening कर शुरुआती दौर में ही पता लगा कर नियमित दवा का सेवन करें तो लकवा, हार्ट फेलियर, किडनी फेलियर, इत्यादि जानलेवा बीमारियों से बचा जा सकता है, साथ में इलाज में खर्च होने वाले लाखों रूपए बचाये जा सकते है। हमारा मुख्य उद्देश्य इन बीमारियों का शुरुआती अवस्था में पता लगा कर इसका इलाज़ शुरू करवाना है एवं नियमित दवा के सेवन के लिए प्रेरित करना है।